किसान संघर्ष समन्वय समिति एवं अन्य विपक्षी दलों द्वारा पूर्णिया में निकाला गया पैदल मार्च,एवं किया गया चक्का जाम।
6 फरवरी किसान आंदोलन के समर्थन,तीनों कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ तथा किसान आंदोलन को कवर कर रहे निर्दोष पत्रकारों पर झूठे मुकदमें को वापस लेने व दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन स्थल पर कटीले तारों और किलों से घेराव किए जाने के प्रतिरोध में पूर्णिया के इंदिरा गांधी स्टेडियम से गिरजा चौक जेल चौक होते हुए आर.एन.शाह चौक तक किसान संघर्ष समन्वय समिति पूर्णिया के द्वारा प्रतिरोध मार्च निकाला गया। प्रतिरोध मार्च किसान संघर्ष समन्वय समिति के अध्यक्ष आलोक कुमार के मार्ग दर्शन में किसान संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक नियाज अहमद के नेतृत्व में निकाला गया।जिसमें अखिल भारतीय किसान सभा के जिला अध्यक्ष मोहम्मद इस्लामुद्दीन अविनाश पासवान यमुना मुरमुर सीपीआई के तबारक हुसैन कांग्रेस के रंजन सिंह, गुलाम सरवर,आम आदमी पार्टी के युवा जिला अध्यक्ष इरशाद पूर्णवी भारत मुक्ति मोर्चा के जिला अध्यक्ष उमेश यादव राष्ट्रीय किसान मोर्चा के उपेंद्र प्रसाद यादव,बनेश उराँव,बबलू गुप्ता,दिनेश दास,हरी लाल पासवान,कुमार साहेब समेत कई लोगों ने भाग लिया।आर एन साह चौक पर प्रतिरोध मार्च के समाप्ति पर संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए किसान संघर्ष समन्वय समिति पूर्णियां के अध्यक्ष आलोक यादव ने केंद्र सरकार से मांग कि किसान नेताओं पर किए गए झूठे मुकदमे को सरकार जल्द से जल्द वापस ले।मौके पर उपस्थित किसान संघर्ष समन्वय समिति पूर्णियां संयोजक नियाज अहमद ने कहा कि किसान विरोधी तीनों काला कानूनों को लेकर विगत ढाई महीनों से दिल्ली बॉर्डर पर भीषण शीतलहर के बीच जिंदगी मौत से जुझते किसानों के बीच से 100 से ज्यादा किसानों ने अपनी शहादत देकर ,आज देश -दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है, आज बच्चा से बूढा हर किसी की जुबान पर दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन की चर्चा है,दुनिया के इतिहास में इतना बड़ा व्यापक जन समर्थन वाला जन आंदोलन आज तक दुनिया ने नहीं देखा है।वहीं दूसरी तरफ चक्का जाम के दौरान किसान मजदूर संघ एवं कांग्रेस के नेताओं के बीच आपसी झड़प भी हुई।