कोरोना संक्रमण के कारण आज पुलिस परिवार परामर्श केंद्र पूर्णिया में मात्र 5 मामलों की हुई सुनवाई।
जिसमें से दो पारिवारिक मामलों की सुनवाई की गई।एक मामला माता पिता एवं पुत्रों के बीच का था दूसरा मामला पति पत्नी के बीच का था भवानीपुर थाने कि एक मां सुदामा देवी ने पुलिस अधीक्षक के यहां एक आवेदन देकर शिकायत की थी कि उसका बेटा उसका भरण पोषण नहीं करता है मारपीट करता है साथ ही घर से निकाल बाहर कर देने की धमकी देता है पुलिस अधीक्षक दयाशंकर ने मामले को सुलझाने के वास्ते पुलिस परिवार परामर्श केंद्र के पास भेज दिया। जहां मां द्वारा केंद्र को बताया गया कि उसके पति द्वारा अर्जित जमीन को जल्द से जल्द रजिस्ट्री कर देने के लिए दोनों पुत्र धमकाते रहता है,एक बेटा तो दिल्ली में अपनी पत्नी के साथ रह रहा है बाकी दोनों बेटा खाना खर्चा भी नहीं देता हैऔर घर छोड़कर भाग जाने की धमकी देता है।केंद्र द्वारा कड़ी फटकार के बाद बेटा बांड बना कर देता है कि भविष्य में कभी भी अपने माता पिता के साथ मारपीट नहीं करेगा साथ ही प्रत्येक महीना ₹1000 की राशि उन्हें हाथ खर्ची के रूप में दिया करेगा।एक मामला कस्बा थाना के सिमरिया बस्ती का आया जिसमें पत्नी पूजा कुमारी द्वारा अपने पति Sonu कुमार पर आरोप लगाया गया वह तीन लाख रुपैया दहेज के रूप में अपने मां-बाप से लाकर देने का दबाव डालता है,जबकि उसके माता-पिता काफी गरीब है पति उसे गर्भवती अवस्था में मारपीट कर घर से भगा देता है।किंतु गरीब पिता अपनी बेटी को यह शिक्षा देकर Sasural भेज देता है की बेटी साह ससुर पति की सेवा करो एक ना एक दिन ईश्वर सब कुछ ठीक कर देगा अपनी पिता की बात मानकर पत्नी Sasural में रहकर दो दो पुत्रों को जन्म DI फिर मामला सुधारने के बजाए बिगड़ता चला गया तब पत्नी द्वारा पुलिस अधीक्षक के यहां आवेदन दिया गया था पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में दोनों पक्षों को काफी समझाने बुझाने के बाद भविष्य में दहेज न मांगने तथा पत्नी के साथ मारपीट न करनी का पति द्वारा बांड बना दिए जाने के बाद मामला सुलझ गया।और पत्नी पति के साथ खुशी खुशी अपने घर को प्रस्थान कर गई अन्य तीन मामलों को एकतरफा कार्रवाई करत हुई उन्हें न्यायालय अथवा संबंधित थाना की शरण लेने के लिए सुझाव दिया गया।मामला को सुलझाने में पुलिस परामर्श केंद्र की संयोजिका महिला थाना अध्यक्ष किरण बाला सदस्य दिलीप कुमार दीपक swati baisantri babita Choudhary रविंद्र शाह कार्यालय सहायक नारायण Gupta अहम भूमिका निभाई।