प्रधानमंत्री द्वारा वर्चुअल माध्यम से जिले में 03 ऑक्सीजन प्लांट का हुआ उद्घाटन।

- अब जिले में लोगों को नहीं होगी ऑक्सीजन की कमी
- सदर अस्पताल में 1000, बनमनखी में 500 तथा धमदाहा में 200 लीटर प्रति मिनट से होगा ऑक्सीजन का उत्पादन
- कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर से लड़ने में सहायक होगा ऑक्सीजन प्लांट
पूर्णिया, 07 अक्टूबर।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एम्स ऋषिकेश, उत्तराखंड से पूरे देश में स्थापित पीएसए ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन वर्चुअल माध्यम से किया गया। इस मौके पर पूर्णिया जिले में समाहरणालय सभागार में आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जिले के सांसद संतोष कुशवाहा, सदर विधायक विजय खेमका, जिला पदाधिकारी राहुल कुमार, सिविल सर्जन डॉ. एस. के. वर्मा, डीपीएम स्वास्थ्य ब्रजेश कुमार सिंह, डीआईओ डॉ. विनय मोहन, डीएएम सत्यम कुमार, डीएमएनई दीपक कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। यह ऑक्सीजन प्लांट पीएम केयर फण्ड से तैयार किया गया है| जो अस्पतालों में लोगों की ऑक्सीजन की समस्या को दूर कर सकेगा।
देश हर मुश्किल से निपटने में सक्षम :
वर्चुअल माध्यम से आयोजित उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर में देश के बहुत से लोगों को ऑक्सीजन के कमी की समस्या झेलनी पड़ी थी। उस लॉकडाउन के समय में ऑक्सीजन निर्माण से लेकर वितरण तक में देश को समस्या हुई थी। इसे निपटने के लिए सरकार द्वारा युद्ध स्तर पर काम किया गया।
जिले में हुई है 03 ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना :
सिविल सर्जन डॉ. एस. के. वर्मा ने बताया कि पीएम केयर फण्ड द्वारा जिले में 03 पीएसए ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट का निर्माण किया गया है। इसमें एक सदर अस्पताल पूर्णिया में स्थित है जो 1000 यूनिट प्रति मिनट ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता वाला है। दूसरा ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट बनमनखी में बनाया गया है जो 500 यूनिट प्रति मिनट ऑक्सीजन उत्पादन करेगा। जबकि तीसरे ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण धमदाहा में किया गया है जिसकी क्षमता 200 यूनिट प्रति मिनट की है।
कोविड-19 की के संभावित तीसरी लहर से लड़ने में सहायक होगा ऑक्सीजन प्लांट :
कोविड-19 संक्रमण के दूसरी लहर में संक्रमण से प्रभावित बहुत से लोगों को ऑक्सीजन की कमी की समस्या का सामना करना पड़ा था। इसी को देखते हुए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री केयर फण्ड से विभिन्न जिलों के अस्पतालों में ही ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण कराया गया है। इससे भविष्य में लोगों को कोविड-19 संक्रमण से या अन्य किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए ऑक्सीजन की कमी की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा।