राष्ट्रीय ध्वज का जिसने किया अपमान, उस पर देशद्रोह मुकदमा की मांग।

भारतीय जनता पार्टी के जिला प्रवक्ता सह अधिवक्ता दिलीप कुमार दीपक ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसान आंदोलन की आड़ में फर्जी किसानों द्वारा दिल्ली के लाल किले पर कब्जा किए जाने की घटना को एक सोची-समझी साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा है की जब दिल्ली पुलिस एवं किसानों के बीच 37 शर्तों पर समझौता हो चुकी थी और रूट भी तय कर दिया गया था। हथियार लाने की मनाही की गई थी। इसके बावजूद शर्तों का उल्लंघन करते हुए बर्बरता पूर्वक लाठी तलवार का भी जमकर इस्तेमाल किया गया। इसके कारण 86 पुलिस जो सुरक्षा व्यवस्था में लगे थे। वे घायल हुए राष्ट्रीय ध्वज के साथ खिलवाड़ किया गया। एक धर्म विशेष के झंडे फहराए गए सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। दंगाइयों ने करोड़ों रुपए की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। लाल किले का रूट नहीं था बावजूद इसके लाल किले तक पहुंचने का रूट अपनाया गया और हुड़दंग मचाया गया। दिलीप कुमार दीपक ने मांग किया है कि गणतंत्र दिवस को कलंकित करने वाले एवं लाल किले पर तिरंगा का अपमान करते हुए एक धर्म विशेष के झंडे को फहराने वाले की पहचान कर उन्हें जल्द से जल्द कठोर सजा दिलवाई जाए। भाजपा के जिला सह प्रवक्ता तौफिक आलम ने इस घटना की निंदा की है तथा कहा है की गैंगस्टर लक्खा सिंघाना एवं दीप सिद्धू जिसकी पहचान दंगा भड़काने वाले के रूप में की गई है। उस पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाए। सारा देश ही नहीं बल्कि विश्व ने टीवी पर देखा है कि किसान आंदोलन की आड़ में वादाखिलाफी किसने किया है और फर्जी किसान के रूप में किसने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया है।