राष्ट्रीय रोजगार नीति कानून बनाने की मांग को लेकर पूर्णियां में हुई रोजगार संसद।
देश की बात फाउंडेशन द्वारा पूर्णियां में आयोजित हुई रोजगार संसद।
पूर्णियां में आयोजित रोजगार संसद में 60 लाख रिक्त पदों को केन्द्र सरकार से जल्द भरने की हुई मांग।
आज पूर्णियां जिला के टैक्सी स्टैंड स्थित निजी होटल में देश की बात फाउंडेशन द्वारा रोजगार संसद आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता नियाज़ अहमद ने की कार्यक्रम में मुख्य अतिथि स्वरूप देश की बात फाउंडेशन की सेंट्रल ऑर्गनाइजर प्रिती सिंह दिल्ली से पहुंचीं थीं कार्यक्रम में मुख्य रूप से तरूण वर्मा, भानु यादव, पूर्व नगर परिषद चेयरमैन शाहिद रजा, खेल संघ के अध्यक्ष गौतम वर्मा, प्रेस क्लब के अध्यक्ष नंदकिशोर सिंह आदि उपस्थित थे।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नियाज़ अहमद ने कहा की बेरोजगारी की समस्या के समाधान के लिए भारत में आजादी के बाद जिस तरह की नीतियां बनाने की जरूरत थी, हमारी अब तक की किसी भी सरकारों ने वैसी नीतियां नही बनाई। यही वज़ह है कि आजादी के सात दशक से ज्यादा वक्त गुजर जाने के बाद भी हमारे देश में राष्ट्रीय रोजगार नीति नहीं बन पाई है I पहले से ही बेरोजगारी की मार झेल रही हमारी अर्थव्यवस्था को कोरोना और फिर वैश्विक आर्थिक मंदी ने और अधिक चिंताजनक स्तिथि मे ला खड़ा किया है Iपिछले कई वर्षों से बेरोजगारी व आर्थिक समस्याओं को लेकर छात्र, युवा, मजदूर, किसान, महिलाएं सहित देश के तमाम संगठन अलग-अलग तरीके से संघर्ष कर रहे हैं लेकिन केंद्र की सरकार सुनने को तैयार नहीं है ऐसे समय में ये वक्त की जरूरत है कि बेरोजगारी के खिलाफ सभी मिलकर राष्ट्रीय आंदोलन की पहल करें Iकार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रिती सिंह ने अपने सम्बोधन में देश भर में अब तक हुए रोज़गार संसद से संबंधित सभी कार्यक्रमों का क्रम वार व्योरा दिया। फिर उन्होंने बेरोज़गारी कि समस्या का समाधान: राष्ट्रीय रोज़गार नीति कानून बनने जोर दिया और राष्ट्रीय रोज़गार नीति के ड्राफ़्ट पर विस्तृत चर्चा की तथा बतया कि देश की बात फाउंडेशन का मूल मंत्र है हर हाथ को काम और उस काम का सम्मानित दाम।