शहीद जगदेव प्रसाद की जयंती पर पूर्णिया में अनेकों लोगों ने अर्पित की श्रद्धांजलि।
बिहार के लेनिन के नाम से विख्यात अमर शहीद जगदेव प्रसाद की जयंती पर लोगों ने उन्हें स्मरण करते हुए उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।डाक बंगला चौक स्थित रेनू उद्यान में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने शहीद जगदेव प्रसाद के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।ये छात्र जीवन में ही सोशलिस्ट पार्टी से जुड़े।25 अगस्त 1967 को शोषित दल की स्थापना की।हमेशा गरीबों वंचितों के विषय को राजनीति में लाने वाले राजनेता थे। शुरुआत से ही संघर्षशील और जुझारू पन इनमें झलकता था। जगदेव बाबू जीवन मूल्यों से कभी भी समझौता नहीं किया।वक्ताओं ने बारी-बारी से जगदेव प्रसाद के कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें वंचित और गरीबों का हितैषी बताया।साथ ही कृषि कानून से किसानों के साथ किये जा रहे भेदभाव के खिलाफ केंद्र सरकार के खिलाफ भी हमला किया।किसान नेता अनिरुद्ध मेहता ने कहा कि नये कृषि कानून से पूंजीपतियों को बढ़ावा मिलेगा तथा किसानों की जमीन पर कारपोरेट जगत के लोगों का आधिपत्य हो जाएगा।इस बिल को वापस लेने की मांग की।प्रोफेसर आलोक कुमार ने बताया कि 2 फरवरी 1922 को तत्कालीन गया के कुर्था प्रखंड के कुरहारी गांव में इनका जन्म हुआ था।अपने जीवन काल में जगदेव बाबू सिद्धांतों की राजनीति करते रहे।5 सितंबर 1974 को विरोध प्रदर्शन करते हुए शहीद हो गये। इस मौके पर अनिरूद्ध मेहता, संज सिंधु, कुणाल सहित अन्य लोग उपस्थित थे।