PURNEA

लॉकडाउन खुलते ही मजदूर तबके के लोग अन्य राज्यों में पलायन करने को मजबुर।

एक तरफ पूरे राज्य में कुछ नियमों के साथ सरकार ने लॉकडाउन खोल दिया है वहीं दूसरी ओर गांव के गरीब तबके के लोग अपने रोजगार व जीवन यापन की तलाश में अपने घरों को छोड़ पलायन करने को मजबूर हैं इसी क्रम में मजदूरों से पता चला कि वे लोग अगर काम नही करेंगे तो घर का चूल्हा भी नहीं चलेगा। इसी का फायदा कुछ दलाल तबके के लोग उठाते दिख रहे हैं इन गरीबों को राज्य के अलग-अलग गांव से लेकर देश के अलग-अलग राज्यों में काम दिलाने का प्रलोभन देते हैं इसी क्रम पूर्णिया के गुलाबबाग में दूसरे स्टेट के वाहन भी दिखाई दे रहे है जब हमने पूछताछ की तो पता चला कि दो दलाल इन सभी गरीब मजदूरों को पूर्णिया से हरियाणा व पानीपत ले जा रहा है वही मजदूरों से बातचीत में पता चला कि पहले तो 2100 ₹ की बात हुई थी परंतु जब सभी मजदूर अपने घरों से निकलकर बस के पास पहुंचे तो उन दलालों ने इन सभी मजदूरों से 2100 के बदले 2800 ₹ प्रति लोगो से मांगा और कहा अगर तुम सभी को पंजाब हरियाणा राजस्थान व अन्य किसी और राज्य में भी जाना है तो इतना ही भाड़ा लगेगा। साथ ही स्लीपर के केबिन में दो लोगों की जगह पर छह लोगों को बैठ कर जाना होगा जिसको लेकर मजदूरों व दलालों के बीच कहासुनी व अनबन होने लगी ।वही दलाल भी अपना पल्ला झाड़ते हुए बस मालिक पर आरोप लगाते हुए कहता है कि बस मालिक को सिर्फ पैसे से मतलब है वह बस मालिक एक के जगह पर 3 लोगों को ले जाए या फिर 1 लोगों को उनको सिर्फ पैसे चाहिए वही बस मालिक का कहना है कि मुझे इन सभी से कोई मतलब नहीं मुझे सिर्फ पैसे से मतलब है और इन दलालों से जो बात हुई है उस से और तो और वही स्थानीय मजदूरो का कहना है कि बस मालिक उन सभी को धमका भी रहा है कि यहाँ से आगे तो चलो फिर बतलाता हूँ वही वीडियो में आप साफ-साफ देख सकते हैं कि किसी भी बस में ना तो कोई भी कोरोना से बचाव का कोई नियम कानून पालन किया जा रहा है और ना ही किसी की पैसेंजर को सोसल डिस्टेंस के द्वारा ही बैठाया जा रहा है ।वही इन मजदूरों को जानवरों की तरह इन बसों व गाड़ियों के माध्यम से दूसरे स्टेट में दलालों के द्वारा रोज काम का प्रलोभन देकर भेजा जा रहा है।साथ ही हमने जब मजदूरों से पूछा की आपमे से कितनों ने vaccination करवाया है और कितनों ने कोविड की जांच करवाई है।इस पर कोई मजदूर कोई जबाब ही नही देना चाहते।वही इसकी सूचना हम पत्रकारों द्वारा स्थानीय पुलिस को दी गई तो बहुत देर इंतजार करने के बाद भी कोई भी पुलिस प्रशासन की गाड़ी भी नहीं दिखाई दी ऐसे में स्थानीय प्रशासन की अनदेखी के कारण अगर कोई घटना या दुर्घटना घटित होती है तो इसके जिम्मेदार कौन होगा।

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