स्वतंत्रता सेनानी शुकदेव कुंवर की स्मृति संस्थान के बैनर तले मनाई गई16 वीं पुण्यतिथि।
शुकदेव कुंवर स्मृति संस्थान के अध्यक्ष सह पूर्व डीएम मतिकांत झा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। सुखदेव कुुंवर के तैलचित्र पर लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। मंच का संचालन संस्थान के सचिव अधिवक्ता गौतम वर्मा ने किया। संस्थान के अध्यक्ष ने कहा कि शुकदेव बाबू सादगी के प्रतिमूर्ति थे और सच्चाई के लिए हमेशा लड़ाई लड़ते रहे।इनके जीवन से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। संस्थान के महासचिव दिलीप कुमार दीपक ने कहा वह जितना राष्ट्र के प्रति समर्पित थे उतने उतनी ही धर्म और संस्कृति के प्रति उनकी आस्था थी। वे महर्षि मेंही दास के शिष्य थे। उनके पुत्र कार्यानंद कुंवर श्रवण कुमार की भूमिका निभाते हुए हुए उनकी कृति को उनका पुण्यतिथि और जन्मतिथि मना कर पूर्ण करते रहे। समाजसेवी एवं शुकदेव बाबू के करीबी रहे अभिमन्यु कुमार मन्नू ने शुकदेव बाबू एक जुझारू एवं क्रांतिकारी व्यक्ति थे और अपनी बात को किसी भी प्लेटफार्म पर बड़ी बेबाकी से रखा करते थे। रंजन सिंह ने कहा कि वे एक निर्भीक और निडर व्यक्ति थे और शहर के विकास के लिए आजीवन संघर्ष करते रहे। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राजेंद्र चौधरी ने उन्हें मनीषी बताते हुए कहा कि वे आजीवन गरीबों की सेवा करते रहे। अभय कुमार चांद ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी के रूप में उनके द्वारा किए गए कार्यों को भुलाया नहीं जा सकता। वे अपने कार्यों के लिए सदैव याद किए जाते रहेंगे। अधिवक्ता शंकर वर्मा ने कहा उनका जीवन संघर्षपूर्ण रहा है हमेशा जन जन की आवाज बनकर विभिन्न मुद्दों पर आवाज उठाया। इस अवसर पर अधिवक्ता राम प्रसाद वर्मा, विजय कुमार,भोला चौधरी, नंदू कुमार रामाशीष सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए।