PURNEA

पूर्णिया के डॉ दिव्यांजली सिंह के नर्सिंग होम में रात भर तड़प कर मरती रही मरीज,घर मे आराम फरमाती रही डॉक्टर।


चिकत्सीय नगरी लाइन बाजार में डॉक्टर की लापरवाही से रोगियों के मौत का सिलसिला बदस्तूर जारी है। वहीं रोगी के मौत के बाद अन्य घटना में जितनी तेजी से पुलिस नहीं पहुँचती वहीं मरीज के मौत के बाद सिर्फ 10 मिनट में डॉक्टर के यहाँ पुलिस पहुँच जाती है। इसके बाद पहुँचते है दलाल किस्म के लोग जो सभी मामले को मैनेज कर लेते है।कुछ ऐसा ही हुआ शुक्रवार को रामबाग में डॉ दिब्याजलि सिंह के नर्सिंग होम में। जहाँ एक प्रसूता के मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ। मौत कैसे हुई यह सवाल कोई न कर सके इसलिए डॉक्टर सहित स्टॉफ धीरे धीरे नर्सिंग होम से खिसक गए।थाना बिहपुर के रहने वाले अमृत कुमार सिंह ने अपनी पत्नी मुस्कान कुमारी को प्रसव पीड़ा के बाद मैक्स 7 चौक रामबाग में बने आलीशान नर्सिंग होम डॉ सिंह क्लिनिक #डॉदिव्याजलिसिंह के यहाँ भर्ती कराया। मृतका की माँ शबनम देवी ने बताया कि डॉक्टर ने मरीज को सीरियस बताकर ऑपरेशन करने की बात कही। जिसके बाद 60 हजार में ऑपरेशन, दवा, और रूम का किराया पर बात हुई। जिसके बाद उसका ऑपरेशन किया गया और लड़की का जन्म हुआ।
वहीं हल्का होश आने के बाद प्रसूता ने पेट मे काफी तेज दर्द होने की शिकायत की। इस बाबत जब डॉक्टर से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो कंपाउंडर ने कहा कि ऑपरेशन के बाद ऐसा होता है। मृतिका की माँ ने बताया कि स्थिति नहीं सुधरी तो पुनः डॉक्टर से मिलने का प्रयास किया गया तो नर्स आकर डायलोना नामक दवा दे दिया। इसके बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ और डॉक्टर अपने घर चली गई। वहीं रातभर मरीज दर्द से छटपटाती रही मगर डॉक्टर दुबारा क्लिनिक नहीं आयी।मरीज के रिस्तेदार ने बताया कि पूरा रात सभी मरीज यहाँ कंपाउंडर के भरोसे रहता है। उनका मरीज रातभर तड़पने के बाद सुबह दम तोड़ दिया। प्रसूता की मौसी ने बताया कि मरीज पूरी तरह स्वास्थ्य थी, ऑपरेशन से पूर्व सभी तरह की जाँच कर ली गई थी। पेट मे सोलिंग होना इसबात का प्रमाण है कि ऑपरेशन गलत ढंग से किया गया है। डॉक्टर को सिर्फ पैसा लेकर ऑपरेशन करने से मतलब है उसके बाद अप्रशिक्षित कंपाउंडर और नर्स के भरोसे नर्सिंग होम को छोड़ दिया जाता है।वहीं सुबह मरीज के मौत के बाद मृतिका के शव को स्ट्रेचर पर बाहर निकाल कर सभी स्टॉफ और डॉक्टर फरार हो गए। वहीं थोड़ी देर में ही पुलिस भी नर्सिंग होम पहुँच गई। वह सिर्फ इतना देख रहे थे कि कोई तोड़फोड़ न हो। उसके बाद मरीज के शव को जल्दी से घर भेजवाकर पुलिस भी चलती बनी। जबकि मौत का मामला था परिजन का बयान लेकर पोस्टमार्टम कराकर मौत का सही वजह पता करना था?
वहीं 3 4 घण्टे बाद सभी स्थित सामान्य हो गई, जैसे यहाँ कुछ हुआ ही नहीं। वही परिजन भी यह मानकर चली गई कि उसकी बेटी तो रही नहीं अब लड़ाई करके क्या फायदा? मगर यहीं उनकी गलती है। यहाँ लाइन बाजार में हर तीसरे चौथे दिन मरीज की मौत होती है,मगर सब मैनेज हो जाता है। जो डॉक्टर के पास ऑपरेशन करने का डिग्री नहीं है वे ऑपरेशन कर रहे है, बिना निबंधन का दर्जनों फर्जी नर्सिंग होम चल रहा है, मगर इसपर बोलने वाला कोई नहीं है। कोई क्यों कुछ नहीं बोलता यह आप खुद समझ जाएं।ये बहुत बड़ा सवाल है कि आखिर कब तक लाइन लाइन बाजार
चिकत्सीय नगरी लाइन बाजार में डॉक्टर की लापरवाही से रोगियों के मौत का सिलसिला बदस्तूर जारी है। वहीं रोगी के मौत के बाद अन्य घटना में जितनी तेजी से पुलिस नहीं पहुँचती वहीं मरीज के मौत के बाद सिर्फ 10 मिनट में डॉक्टर के यहाँ पुलिस पहुँच जाती है। इसके बाद पहुँचते है दलाल किस्म के लोग जो सभी मामले को मैनेज कर लेते है।कुछ ऐसा ही हुआ शुक्रवार को रामबाग में डॉ दिब्याजलि सिंह के नर्सिंग होम में। जहाँ एक प्रसूता के मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ। मौत कैसे हुई यह सवाल कोई न कर सके इसलिए डॉक्टर सहित स्टॉफ धीरे धीरे नर्सिंग होम से खिसक गए।थाना बिहपुर के रहने वाले अमृत कुमार सिंह ने अपनी पत्नी मुस्कान कुमारी को प्रसव पीड़ा के बाद मैक्स 7 चौक रामबाग में बने आलीशान नर्सिंग होम डॉ सिंह क्लिनिक #डॉदिव्याजलिसिंह के यहाँ भर्ती कराया। मृतका की माँ शबनम देवी ने बताया कि डॉक्टर ने मरीज को सीरियस बताकर ऑपरेशन करने की बात कही। जिसके बाद 60 हजार में ऑपरेशन, दवा, और रूम का किराया पर बात हुई। जिसके बाद उसका ऑपरेशन किया गया और लड़की का जन्म हुआ।
वहीं हल्का होश आने के बाद प्रसूता ने पेट मे काफी तेज दर्द होने की शिकायत की। इस बाबत जब डॉक्टर से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो कंपाउंडर ने कहा कि ऑपरेशन के बाद ऐसा होता है। मृतिका की माँ ने बताया कि स्थिति नहीं सुधरी तो पुनः डॉक्टर से मिलने का प्रयास किया गया तो नर्स आकर डायलोना नामक दवा दे दिया। इसके बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ और डॉक्टर अपने घर चली गई। वहीं रातभर मरीज दर्द से छटपटाती रही मगर डॉक्टर दुबारा क्लिनिक नहीं आयी।मरीज के रिस्तेदार ने बताया कि पूरा रात सभी मरीज यहाँ कंपाउंडर के भरोसे रहता है। उनका मरीज रातभर तड़पने के बाद सुबह दम तोड़ दिया। प्रसूता की मौसी ने बताया कि मरीज पूरी तरह स्वास्थ्य थी, ऑपरेशन से पूर्व सभी तरह की जाँच कर ली गई थी। पेट मे सोलिंग होना इसबात का प्रमाण है कि ऑपरेशन गलत ढंग से किया गया है। डॉक्टर को सिर्फ पैसा लेकर ऑपरेशन करने से मतलब है उसके बाद अप्रशिक्षित कंपाउंडर और नर्स के भरोसे नर्सिंग होम को छोड़ दिया जाता है।वहीं सुबह मरीज के मौत के बाद मृतिका के शव को स्ट्रेचर पर बाहर निकाल कर सभी स्टॉफ और डॉक्टर फरार हो गए। वहीं थोड़ी देर में ही पुलिस भी नर्सिंग होम पहुँच गई। वह सिर्फ इतना देख रहे थे कि कोई तोड़फोड़ न हो। उसके बाद मरीज के शव को जल्दी से घर भेजवाकर पुलिस भी चलती बनी। जबकि मौत का मामला था परिजन का बयान लेकर पोस्टमार्टम कराकर मौत का सही वजह पता करना था?
वहीं 3 4 घण्टे बाद सभी स्थित सामान्य हो गई, जैसे यहाँ कुछ हुआ ही नहीं। वही परिजन भी यह मानकर चली गई कि उसकी बेटी तो रही नहीं अब लड़ाई करके क्या फायदा? मगर यहीं उनकी गलती है। यहाँ लाइन बाजार में हर तीसरे चौथे दिन मरीज की मौत होती है,मगर सब मैनेज हो जाता है। जो डॉक्टर के पास ऑपरेशन करने का डिग्री नहीं है वे ऑपरेशन कर रहे है, बिना निबंधन का दर्जनों फर्जी नर्सिंग होम चल रहा है, मगर इसपर बोलने वाला कोई नहीं है। कोई क्यों कुछ नहीं बोलता यह आप खुद समझ जाएं।ये बहुत बड़ा सवाल है कि आखिर कब तक लाइन

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