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ऑल इंडिया यूपीएससी टॉपर शुभम पूर्णिया में पहुंचे अपने बचपन के स्कूल विद्या विहार,जानिए किस तरह हुआ भव्य स्वागत।

यूपीएससी की परीक्षा में देश भर में टॉप करने के बाद शुभम पहली बार जब सोमवार को अपने स्कूल पूर्णिया के विद्या विहार पहुंचा तो वह काफी भावुक हो गया।गाड़ी से उतरते ही सबसे पहले उन्होंने अपने शिक्षकों का पैर छूकर आशीर्वाद लिया।विद्या विहार स्कूल पहुंचते ही यूपीएससी टापर शुभम का स्कूल के शिक्षकों,छात्रों प्रिंसिपल और डायरेक्टर ने माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया।शुभम जैसे ही अपने स्कूल के प्रांगण में पहुंचा तो बैंड बाजे के धून के बीच तिलक लगाकर और आरती उतारकर शिक्षकों ने उनका स्वागत किया।अपने संबोधन में शुभम ने छात्रों को मोटिवेट करते हुये बताया कि किस तरह वह विद्या विहार स्कूल का एक साधारण छात्र से आईएएस टापर तक का सफर तय किया।उन्होंने कहा कि क्लास 6 में उसने यहां एडमिशन लिया था।उस समय वह सी सेक्सन में था,फिर क्लास 7 में वह ए सेक्सन में आया,शुरुआत में उनका रैंक काफी पीछे था।लेकिन अपनी जिद्द और ईच्छाशक्ति के बदौलत उसने क्लास में दूसरे स्थान तक का रैंक हासिल किया।बात ही बात में शुभम भावुक होते हुए छात्रों से कहा एक बिहारी सब पर भारी।शुभम अपने स्कूल के पूर्व प्राचार्य बासुदेवन सर को याद कर काफी भावुक हो गये।उन्होंने कहा कि उनके लाइफ में बासुदेवन सर,निखिल रंजन और गोपाल झा सर के अलावे उनके कई मित्रों और शिक्षकों का काफी योगदान रहा।उन्होंने कहा कि आज अगर बासुदेवन सर रहते तो उन्हें काफी गर्व महसूस होता।शुभम ने कहा कि उन्हें कक्षा के बाहर भी बहुत कुछ सीखने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि उसने विद्या विहार स्कूल से 2012 में मैट्रिक की परीक्षा पास की।इसके बाद वह बोकारो गये।फिर वही से आईआईटी कर 2019 में भी उसने आईएएस में 290 रैंक लाया था,लेकिन उससे वह संतुष्ट नहीं था।अपने जिद और ईच्छाशक्ति के बदौलत ही उसने तक का सफर तय किया।उसने बच्चों से कहा कि अगर सही दिशा में मेहनत करे तो कुछ भी असंभव नहीं होता।इस दौरान उसने अपने स्कूल के सचिव रमेश मिश्र और राजेश मिश्र के सहयोग की भी काफी प्रशंसा किया,उन्होंने कहा कि सबसे अधिक सपोर्ट उनके मित्र और 2019 बैच के आईएएस निशांत विवेक से मिला।स्कूल में वह और निशांत एक ही कमरे में रहते थे।निशांत क्लास का टापर था।निशांत ने आगे बढ़ने में उसे काफी सहायता की।फिर 2019 में वह और निशांत एक साथ यूपीएससी पास किया।आज वह खुद को काफी गौरवान्वित मानते हैं।उन्होंने कहा कि उनके यहां तक पहुंचने में उनके माता,पिता और शिक्षकों का बहुत बड़ा योगदान है।विद्या विहार स्कूल में शुभम और निशांत विवेक दोनों का स्वागत किया गया।इसको देखकर स्कूल के बच्चे भी खुद को काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे थे।

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