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आंदोलन कर रहे देश के किसानों और सरकार के बीच सातवें दौर की बैठक खत्म, जानिए क्या निकला निष्कर्ष।

दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान प्रतिनिधियों के साथ केंद्र सरकार बुधवार को एक बार फिर साथ बैठे।पिछले 35 दिनों से धरने पर बैठे किसानों के साथ सरकार की ये सातवें दौर की बातचीत थी।कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अगुवाई में किसानों से बात हुई,और दो मसलों पर बात बन भी गई है।इलेक्ट्रिसिटी ऐक्ट और पराली जलाने से संबंधित अध्यादेश,इसके अलावा MSP को लेकर भी सरकार ने लिखित भरोसा देने की बात कही है।बाकी बातों पर 4 जनवरी को फिर से वार्ता की जाएगी।बैठक के बाद कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि पर्यावरण से संबधित जो अध्यादेश है, उसमें पराली और किसान शामिल हैं. उनकी (किसानों की) शंका थी कि किसानों को इसमें नहीं होना चाहिए।इस पर दोनों पक्षों में सहमति हो गई है।इलेक्ट्रिसिटी ऐक्ट, जो अभी आया नहीं है।उन्हें लगता है कि यह ऐक्ट आएगा तो इससे किसानों को नुकसान होगा. सिंचाई के लिए जो बिजली की सब्सिडी दी जाती है,वो उसी तरह चलनी चाहिए जैसे राज्य देते रहे हैं। इस पर भी सरकार और किसान यूनियनों के बीच सहमति हो गई है।बताया जा रहा है कि पराली जलाने के मामले में सरकार ने किसानों को जुर्माने के दायरे से बाहर कर दिया है।वहीं पावर बिल 2020 को वापस लेने पर सहमति जताई है।माझा किसान संघर्ष कमेटी के अध्यक्ष बलविंदर सिंह ने बताया कि सरकार ने दो मांगें मान ली हैं, लेकिन अभी दो विषय रह गए हैं।MSP और तीन कृषि कानून, इन दोनों विषय पर आगे बात होगी।कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी कहा कि कानून के विषय में और MSP के विषय में चर्चा पूरी नहीं हुई है।हम लोग (किसान नेता और सरकार) 4 जनवरी को 2 बजे फिर से बैठेंगे और चर्चा को आगे बढ़ाएंगे।

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