भरगामा रेप कांड में महज 57 दिन में मोहम्मद मेजर को अररिया पोक्सो कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा।
अररिया स्पेशल पोक्सो कोर्ट ने नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म माममें में दोषी करार देते हुए आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है।इस ऐतिहासिक फैसले से जहां पीड़ित परिवार संतुष्ट है। वहीं,न्याय से जुड़े लोग भी इसे सही करार दे रहे हैं।वहीं विपक्ष के अधिवक्ता का कहना है कि अब आगे हाईकोर्ट में अपील की जाएगी।मामला महिला थाना कांड संख्या 137/ 2021 का है।यह घटना अररिया के भरगामा के बिरनगर की है,जहां 1 दिसंबर 2021 को एक 6 साल की बच्ची के साथ मोहम्मद मेजर ने दुष्कर्म जैसे घिनौने अपराध को अंजाम दिया था।जिसमें पुलिस ने 12 दिनों बाद आरोपी को गिरफ्तार भी किया था।पुलिस की ओर से 25 जनवरी 2022 को गवाह और अंतिम रिपोर्ट दाखिल किया था,जिसमें गवाहों के बयान और पुलिस द्वारा प्रस्तुत किए गए साक्ष्य और एफएसएल की रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय ने पूरी सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रखा था।उसी मामले में 27 जनवरी को पोक्सो कोर्ट के स्पेशल जज शशिकांत राय ने अपना फैसला सुनाया और बच्ची से दुष्कर्म के दोषी को फांसी की सजा सुना दी।हम आपको बता दें कि मोहम्मद मेजर आदतन अपराधी है।उसपर दुष्कर्म के कई मामले अन्य थानों में भी दर्ज हैं।उसी को आधार बनाते हुए और उसकी आपराधिक प्रवृत्ति को देखते हुए ऐसे लोग को पृथ्वी पर रहने का कोई अधिकार नहीं है।इसलिए अदालत दोषी को फांसी की सजा सुनाती है।दरअसल,यह सजा महिला थाना थाना कांड संख्या 137/ 21 एससी एसटी एक्ट के तहत दी गई।वहीं पोक्सो एक्ट 4 के तहत आजीवन कारावास और 10 हजार का जुर्माना लगाया गया।वहीं स्पेशल जज शशिकांत राय ने आदेश दिया कि पीड़ित बच्ची की पढ़ाई,रहन-सहन और भरण पोषण के लिए 10 लाख का मुआवजा भी दे।बचाव पक्ष के वकील मो मुजाहिद ने इस मामले में उच्च न्यायालय में अपील करने की बात कही है।पीड़ित पिता ने इस फैसले को समाज के हित में बताया है।वहीं,पैनल अधिवक्ता एलपी नायक ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताया है।