PURNEA

माता शीतला की पूजा अर्चना पूरे धूमधाम से मनाते हुए उड़ाया गया कबूतर।

पूर्णियां पूर्व प्रखंड के बेलौरी में माता शीतला की पूजा अर्चना पूरे धूमधाम के साथ की गई।आस्था और भक्ति के माहौल में पूरे विधि विधान के साथ माता की पूजा संपन्न हुई।माता शीतला के जयघोष के साथ हर कदम मंदिर की ओर बढ रहे थे. वही सुबह से शाम तक श्रद्धालुओ का तांता लगा रहा. कोरोना को देखते हुए मेले का आयोजन नहीं किया गया।भक्त मास्क लगाकर मंदिर पहुंचे थे। मंत्रोच्चार के साथ देवी की पूजा हुई और फिर आरती के बाद भक्तजनों ने मां का महाप्रसाद ग्रहण किया। धार्मिक मान्यता है कि मां शीतला की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।मन्नत पूरी होने पर भक्त बलि प्रदान में शामिल होते हैं।माता शीतला की पूजा के बहाने परिन्दों को मुक्ति दी जाती है।ये सभी कबूतर मंदिर परिसर स्थित एक बरगद के पेड़ पर डेरा जमाते हैं।आयोजन समिति की ओर से रेलवे गुमटी मंदिर परिसर तक रेलवे पटरी के बगल में बैरीकेडिंग की व्यवस्था की गई जिससे भक्त सुरक्षित ढंग से मंदिर पहुंचे।बुजुर्गों कि माने तो वर्ष 1945 ई में इस क्षेत्र में चेचक की महामारी बहुत तेजी से फैल गयी थी।जिससे परेशान होकर ग्रामीणों ने मां शीतला का आह्वान किया था।जिसके बाद महामारी का प्रकोप बंद हो गया।उसी समय से पूजा अर्चना शुरू की गयी।इस मेले में विशेष रूप से लोग कबूतर उड़ा कर अपनी श्रद्धा माँ के भक्ति के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं।

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