टुरिज्म : बिहार का पहला और देश का दूसरा ग्लास ब्रिज नये साल के स्वागत के लिए है तैयार
पर्यटन के क्षेत्र में बिहार और झारखंड में कई स्थान ऐसे हैं, जो वैश्विक कौतुहल का विषय रहे हैं. जैसे झारखंड के नेतरहाट, पारसनाथ, बेतला वैगरह. बिहार में नालंदा, बोध गया, पटना का तारामंडल और खुदाबख्श लाइब्रेरी वगैरह. अब इस कड़ी में एक और नया नाम जुड़ने जा रहा है. और वो है – राजगीर में बन रहा ग्लास ब्रिज. जो अपनी तरह का बिहार का पहला और देश का दूसरा ग्लास ब्रिज होगा.
गौरतलब है कि राजगीर अपने गर्म जलकुंड की वजह पहले से दुनियाभर के आकर्षण का केंद्र रहा है. अब ये एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में जगह बनाने के लिए तैयार है.
नये साल में यह आकर्षक ग्लास ब्रिज देश-विदेश के पर्यटकों के लिए उपहार होगा. इसकी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है.
खास तरह के कांच से बने इस ब्रिज की लंबाई 85 फीट, चौड़ाई 06 फीट है. इसे जमीनी सतह से 250 फीट की उंचाई पर बनाया गया है. जो किसी को भी मोह लेने की ताकत रखता है. यह ग्लास ब्रिज चीन के हांगझोऊ प्रोविंस की तर्ज पर बना है. जिसे स्काई ब्रिज के नाम से जाना जाता है. चीन का स्काई ब्रिज 1410 फीट लंबा व 20 फीट चौड़ा है. और जमीनी सतह से इसकी ऊंचाई 980 फीट है.
आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय टूरिस्ट प्लेस के रूप में मशहूर राजगीर पांच पहाडियों के बिच घिरा हुआ अप्रतिम सुंदरता वाला क्षेत्र है. सर्दियों में यहां बड़ी संख्या में देश-विदेश के पर्यटक आते हैं. इस बार उन्हें यहां अलग ही रोमांच का अनुभव होगा.
जहां आप शीशे के पुल पर चढ़कर प्रकृति की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं.
इस ब्रिज की खासियत ये है कि एक बार में इस पर 40 पर्यटक जा सकते हैं. साथ ही साथ नेचर सफारी और रोप साइकलिंग का भी आनंद ले सकते हैं.
यहां ये बताता अतिरेक नहीं होगा कि नेचर सफारी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ है. दरअसल नेचर सफारी अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हुआ है. उम्मीद है कि अगले दो महीने में इसे भी पर्यटकों के लिए खोल दिया जायेगा. इस सफारी में एशियाई शेरों, बाघों, तेंदुओं, हिरणो और पैंथरों का प्रकृतिक निवास है.
ग्लास ब्रिज के साथ ही राजगीर में रोप साइकलिंग को डेवलप किया जा रहा है. रंग-बिरंगी तितलियों का एक पार्क अलग से बनाया जा रहा है. आयुर्वेदिक पार्क यहां पहले से है. जिसमें विभिन्न प्रकार के देशी-विदेशी पेड़-पौधों के संग्रह को और विस्तार दिया जा रहा है.
कुल मिलाकर राजगीर इन सर्दियों में कहर बरपाने के लिए किसी नवयौवना की सज-धज रहा है.
बता दें कि राजगीर बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थित है. और अपने आसपास के प्रमुख पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है. राजगीर बौद्ध धर्म, जैन धर्म और शांति के प्रतीक स्मारकों के लिए अलग से जाना जाता है. घने जंगलों के बीच बसा राजगीर न केवल एक प्रसिद्ध धार्मिक तीर्थस्थल है बल्कि एक सुन्दर हेल्थ रेसॉर्ट के रूप में भी यह मशहूर है.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध बुद्ध की ज्ञान स्थली बोध गया से राजगीर की दूरी महज 70 किलोमीटर है.
पांच पहाड़ियों से घिरा राजगीर कभी मगध साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था. विश्व शांति स्तूप, सोन भंडार, जरासंध का अखाड़ा, नौलखा मंदिर, जापानी मंदिर, सिद्धनाथ मंदिर, जैन मंदिर, गृद्धकूट पर्वत, लाल मंदिर, घोड़ा कटोरा डैम, वेणुवन, सुरक्षा दीवार, जेठियन बुद्ध पथ, सप्तवर्णी गुफा राजगीर के अन्य आकर्षण हैं.