पूर्णिया के 50 गांव से बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का हुआ शुभारंभ।

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित संस्था कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के पहल पर बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का शुभारंभ 16 अक्टूबर दिन रविवार संध्या 6 बजे से ग्रामीण महिलाओं, सामाजिक महिला समाजसेवी, सामाजिक हितकारी संस्थाओ द्वारा विभिन्न स्तर पर किया गया। कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के पूर्णियां जिला समन्वयक सुमित प्रकाश ने बताया कि पूर्णियां जिला अंतर्गत डगरुआ, बायसी, अमौर, पूर्णियां पूर्व प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के 50 गांवों की महिलाएं बाल विवाह मुक्त भारत अभियान में अपना योगदान दिया। हर गांव से 10 महिलाएं इसमें शामिल होकर लोगो को बाल विवाह के खिलाफ जागरूक कर रही है। बाल विवाह मुक्त भारत बनाने को लेकर आज पूर्णियां में अभियान की शुरुआत 50 गावों की 500 महिलाओं द्वारा शाम को मोमबत्ती, दीप, मशाल जलाकर आम जनमानस से अपील कर किया गया। साथ ही 50 गांवो की प्रत्येक 10 महिलाओं के द्वारा उपस्थित लोगों को शपथ भी दिलाया गया। डगरुआ के टौली, महमदिया, इचालो, हटगाछी, पूर्णियां पूर्व प्रखंड समीप बेलौरी, दरहा, बजदाहा, बेलगछी, बन्दरख, गंड़वास, बुवारी, विश्वासपुर, महथौर, डकैली, दनसार, एकहुवा, हरखेली, हरिपुर, कमालपुर महेशखूंट, मझुआ, मानिकपुर, दुबेली, बड़ा ईदगाह, ज्ञानडोभ तथा बायसी के अनेको पंचायत के विभिन्न गांवों की 10 महिलाओं ने मोमबत्ती, दीप एवं मशाल जलाकर लोगो को बाल विवाह के खिलाफ जागरूक करते हुए बाल विवाह मुक्त कार्यक्रम का शुभारंभ किया। पूर्णियां पूर्व प्रखंड अंतर्गत अनूपनगर बेलौरी विद्यालय परिसर मे स्वंय सहायता समूह संचालक रूपा रे एवं निवर्तमान वार्ड पार्षद सरिता रॉय ने सैकड़ो समाजसेवी महिलाओं के साथ मोमबत्ती जलाकर एवं शपथ लेकर बाल विवाह मुक्त भारत कार्यक्रम की। स्वयं सहायता समूह संचालक रूपा रे, समाजसेवी सरिता रॉय एवं चाइल्ड लाइन समन्वयक मयुरेश गौरव ने संयुक्त रूप से कहा कि बाल विवाह सामाजिक विकास की बड़ी बाधा है। यह बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास का बड़ा अवरोध है। इसे सामुदायिक सहयोग के बगैर नहीं मिटाया जा सकता। पूरे समाज को बाल विवाह नामक सामाजिक अपराध के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है। इसलिए बाल विवाह मुक्त भारत बनाने सामाजिक सहयोग जरूरी है। बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के निमित्त पूर्णियां जिला के 50 गांवों से महिला लीडर अशरत आरा, नसरीन सितारा, नसीमा खातून, निखत प्रवीण, नुसरत जहां, गौरी देवी, गुंजन देवी, तरन्नुम जहां, रेशमी देवी, देवी, मोहसिना बेगम, हिना परवीन, सालेहा तबस्सुम, मो मुस्तकीम, प्रीति देवी, श्यामली दास, सीमा देवी, टुमि मंडल, पिंकी सरकार, रूमा देवनाथ, कनिका दास, तिलिका मंडल, सरस्वती दास, पिंकी दास, शंकरी दास, शीला दास, झरना दास, शिप्रा मंडल, अंजली दास, सविता दास, रुपाली मंडल, कमला मलिक, सविता दास, कोनिका मंडल, रीना मंडल, पूजा कुमारी, पुष्पलता देवी, सुमन मेहता, शानू कुमार विभिन्न गावों में अभियान का नेतृत्व किया।